इस लेख में हम आपको वजू का तरीका हिंदी में wazu ka tarika और वजू के बाद की दुआ wazu ke baad ki duaa के बारे में विस्तार से मालूमात देंगे. मुस्लिम सम्माज केलोगोंसे बातचीत में अपने वजू शब्द सूना होगा. इस्लाम धर्म की शिक्षाओंमे पाक साफ़ रहनेको बहुत महत्व है.इबादत से पहले वजू करने को बहुत महत्व दीया गया है. आप नमाज़ से पहले अगर वज़ू नहीं करते है और आप बगैर वज़ूके नमाज़ पढ़ते है तो आपकी नमाज़ नहीं होती. अर्थात नमाज़ से पहले वज़ू करना अनिवार्य है.
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वजू करने का हुक्म क़ुरआन में आया है,
"ऐ ईमान वालो! जब तुम नमाज के लिए खड़े हो तो अपने चेहरों को और हाथों को कोहनियों तक धो लो और अपने सर का मसह करो और टखनों तक अपने पांव धो.'
क़ुरआन 5:6
वजू किस तरह करना चाहिए वह पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) साहबने लोगोंको करके दिखाया और सिखाया है. तो चलिए हम जानते है के वजू का क्या अर्थ है?, उसका तरीका क्या है? और यह क्यों किया जाता है.
वजू का क्या अर्थ है?
दरअसल अरबी शब्द (الوضوء) को हिंदी उर्दू में वजू कहा जाता है. इस्लामिक शिक्षाओंमे शरीर के भागों को धोकर शुद्ध या पाक होने के धार्मिक तरीके को वजू कहते है. इसमें हाथ, मुंह, नाक (अंदरूनी), बाजुएँ, सिर और पाँव को पानी से एक ख़ास तरतीब और तरीकेसे धोकर स्वच्छ किया जाता है. यह इस्लाम में धार्मिक अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण अंग है. पैगम्बर मुहम्मद (स.) साहब ने स्वच्छता को अपनी शिक्षाओंमेबहुत महत्व दिय है. उन्होंने कहा "पाकी (स्वच्छता) आधा ईमान है." लोगोंको इस बात पर उभरा के वह दिनभर पाक रहनेकी कोशीश करें, वज़ू अवस्था में रहनेकी कोशिश करें.
वजू का तरीका wazu ka tarika
हमने ऊपर जाना है के हाथ, मुंह, नाक(अंदरूनी), बाजुएँ, सिर और पाँव को धोने को वज़ू कहते है. लेकिन वजू करने का एक खास तरीका है और उसकी एक खास तरतीब है. उस तरीकेसे ही वजू करना चाहिए. हम आपको वह तरीका बतायेंगे लेकिन वजू का तरीका wazu ka tarika जानने से पहले हम जानते है के वज़ू में फ़र्ज़ कितने है या अनिवार्य क्या क्या है.
वजू के फर्ज कितने होते हैं? wazu ke farz kitne hote hai
वजू में 4 फ़र्ज़ हैं. इन चार चीजोंको करना अनिवार्य है. इन मेसे किसी एक या उससे ज्यादा को अगर हम वजू करते वक्त छोड़ देते है तो वजू नहीं होता.
- पुरे चेहरे को अच्छे से धोना
- दोनों हाथो को कोहनियों के साथ धोना
- सर का मसह करना
- दोनों पांव को तखनो तक धोना
वज़ू के फ़राइज़ कितने हैं?
ऊपर हमने वज़ू के चार फ़र्ज़ पढ़े है उनके अलावा भी तीन चीज़ें ऐसी है जो अगर हम न करे तो भी वज़ू मुकम्मल नहीं होता. व तीन चीज़ें इस तरह है.
- वजू की नीयत करना
- वज़ू को तरतीब से करना
- वज़ू को एक साथ पूरा करना
- इस तरह वज़ूके कुल सात फ़राइज़ है.
वजू का तरीका हिंदी में wazu ka tarika hindi mein
वज़ू को जिस तरीकेसे करने केलिए कहा गया है उसी तरीकेसे करना करना चाहिए. जिस क्रम से कहा गया है उसी क्रम से करना चाहिए. और वजू को एक साथ करना करना चाहिए. निचे हम आपको वज़ू करने का तरीका wazu ka tarika hindi mein उसके सही क्रम के साथ बता रहे है.
- प्रथम वजू करने की नियत दिल में करना चाहिए.
- उसके बाद बिस्मिल्लाह कहकर वजू की शुरुआत करनी चाहिए.
- वज़ू की शुरुआत सीधे (Right) तरफसे करनी चाहिए.
- पहले दोनों हाथोंको (joint तक) धो लेना चाहिए.
- हाथ धोते वक्त दोनो हाथो की उन्लियोंमे खिलाल करना चाहिए. (एक हाथ की ऊँगली दूसरे हाथ की दो उंगलियोंके बिच में डालकर उंगलियोंके दरमियान के हिस्से में पानी पहुंचाकर उसे साफ करना चाहिए.)
- उसकेबाद दाहिने हाथ में चुल्लू भर पानी लेकर आधे से कुल्ली करे और आधा नाक में डाले और नाक को हाथ से साफ़ करें. इस तरह तीन बार करें.
- अब पानीसे अपने चेहरे को (पेशानिके बालोंसे लेकर ठोडीके निचेतक) धो लें. इसे भी तीन बार धोना है.
- अपनी दाढ़ी मे खिलाल (गीले हाथ की उंगलियोंको दाढ़ी के बिच से गुज़ारकर दाढ़ी को साफ) कर लें.
- उसके बाद सीधे हाथ को तीन बार कोहनी तक धो लें.
- इसी तरह उलटे हाथ को भी तीन बार कोहनी तक धो लें.
- उसके बाद सर का मासा कर लें. (गीले हाथोंको पेशानिके बाल जहांसे शुरू होते है वहासे शुरू करते हुए पीछे गर्दनतक लेजाएं और फिर पीछे से आगे इसी जगह तक ले आएं जहांसे शुरू किया था.)
- अब कानों का मसह करें. (दोनो हाथोंकी शहादत की ऊँगली first finger को दोनों कानोंकके सुरखो में डाल कर अंगूठेको कानोंके पिछले हिस्सेपर फेर लें.)
- उसकेबाद दोनों पांव को टखनों तक तीन बार धो लें.
- हाथ और पाँव की उँगलियों का खिलाल कर लें. (हाथ की उंगलियोंको पांव की दो उँगलियों के बिच से गुजारकर दो उंगलियोंके बिच के हिस्से को गिला करके साफ कर लें.)
- आप के शरीर में अगर कोई जख्म (घाव) हो और उसपर पट्टी बंधी हो तो उसपर मसह करलेना चाहिए.
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वज़ू के बाद की दुआ wazu ke baad ki dua
पैगंबर मुहम्मद साहबने लोगोंको ईश्वर अल्लाह से मांगनेवाला बनाया, उसे दुआएं सिखाई. पैगंबर मुहम्मद साहबने वजू के बाद की दुआ wazu ke baad ki duaa भी लोगोंको सिखाई वह दुआ इस प्रकार है,
أَشْهَدُ أَنْ لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللَّهُ وَأَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُولُهُ
“Ashhadu alla ilaha il-Allahu, wa ash-hadu anna Muhammadan Abduhu Wa Rasuluhu”
वज़ू के बाद की दुआ हिंदी में wazu ke baad ki dua
'मैं गवाही देता हूं के अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। (वो अकेला है, इसका कोई शरीक नहीं) और मैं गवाही देता हूं के मुहम्मद (ﷺ) अल्लाह के बंदे और रसूल हैं.'
पैगम्बर मुहम्मद (ﷺ) ने फ़रमाया “जो शाख़्स पूरा वजू करे और फिर कहे:” अशहदु अल्ला इलाहा इल-अल्लाहु, व अश-हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु” तो इस के लिए जन्नत के आठों दरवाजे खोल दिए जाते हैं के जिस से चाहे दाखिल हो."
आशा है आपको इस लेख में वजू के बाद की दुआ और वजू का तरीका इसकी जानकारी मिली होगी. इस पोस्ट में लिखी मालूमत अगर आपको पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों और अन्य लोगोंमे शेयर करे और इसे सामान्य लोगोंतक पहुंचानेमे हमारी सहायता करें.