कुरान का लेखक कौन है | Kuran Kisne Likha

कुरआन इस्लाम का धार्मिक ग्रंथ है. अक्सर लोग पूछते है के, Quran ke Lekhak Kaun Hai कुरान का लेखक कौन हैKuran kisne likha कुरान किसने लिखीया कुरान का रचयिता कौन है? या . इन सारे सवालों का मतलब तकरीबन एक ही होता है के क़ुरआन को लिखनेवाला कौन  है. क्या क़ुरआन इंसानी दिमाग कि उपज है? या इंसान की रचना है? इस लेख मे हम इसका जवाब पानेकी कोशिश करेंगे.

Quran ke Lekhak Kaun Hai


कुरान का लेखक कौन है | Kuran Kisne Likha

कुरान केबारेमें  कुरान का लेखक कौन है या क़ुरान किसने लिखा kuran kisne likha यह जानने के पहले हम कुरान के बारेमे कुछ अन्य बुनयादी मालूमात या समझते है. जैसे यह किस भाषामे है. यह कब, कहाँ और किन लोगोंके बीच आया? वह कैसे लोग थे जिन के दरमियान आया ?. इसी तरह  क़ुरान शब्द का अर्थ क्या है? उसे कुरान क्यों कहा जाता है? क्या उसके नाम का जोआर्थ है वैसे हकीकत मे वह है? उसका इतिहास क्या है? जैसी मुलभुत सवालोंके के जवाब जानते है. फिर हम अपने असलसावल पाते है के इसे किसने लिखा इसका  लेखक कौन है. 

कुरान की रचना किस भाषा में की गई 

हम कुरआन को भी अन्य कितबो कि तरह एक इंसान की लिखी किताब समझते है इसलिए हम इसके लेखक का नाम जाननेकी कोशिश करते है. कुरान की रचना किस भाषा में की गई इस सवालका जवाब है के कुरआन अरबी भाषा में है. कुरआन जिस कौम के बीच उतरा उस अरब कौम की भाषा अरबी थी. उन की उसी अरबी भाषा में क़ुरआन उतरा या नाज़िल हुवा. कुरआन की भाषा अरबी है लेकिन अरबी में बहुत ऊँचे दर्जे की अरबी है.  

हम पैगम्बर मुहम्मद कालीन अरब समाज को देखेंगे तो हमें मालूम पडता है के अरब अपनी भाषा के माहिर थे. उन्हें अपनी भाषा पर प्रभुत्व था, वह अपनी भाषा के ऐसे माहिर थे के वह उनके अलावा दूसरोंको गूंगा समझते थे और गूंगा कहते थे.उनका कहना था के हमेही बोलना आता है. उनके यहाँ एक्स बढ़कर एक कवि थे. समाज में उन का बड़ा आदर और सन्मान था. उनके यहाँ बड़े बड़े मेले होते थे उसमे कवियोंका मुकाबला होता था. उन मेलोंका असल आकर्षण यही मुकाबला होता था. इसे  देखने लोग  दूर दूर से बड़ी संख्या में आते थे. जिस कबीले का कवि मुकाबला जीतता था वह कबीला उसपर गर्व करता था फख्र करता था. इस तरह अपनीअरभी भाषा के चैंपियन  लोगोके बीच कुरआन उतरा था. 

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अरबो का एक बहुत बड़ा कवि था जो मुस्लिम हो गया था. उसने काव्य रचना करना छोड़ दीया था, एक बार पैगम्बर मुहम्मद साहब ने खुद उससे पूछा के तुम अब काव्य रचना नही करते? उसने जवाब में कहा कुरआन आने के बाद? यानि कुरआन आने केबाद अब काव्य क्या करना? कुरआन के बारेमें अरबो में एक बात बहुत मशहूर है के "हाज़ा कलामुल मलिक, मलिकुल कलाम" यानि यह (दुनिया के ) "बादशाह का कलाम है, और (यह कलाम) कलामोंका बादशाह है." 

Quran




कुरान शब्द का अर्थ Quran Meaning in Hindi 

कुरआन अरबी भाषा का शब्द है. यह करा, इकरा इस मूल शब्द से बना है. जिस का मतलब होता है पढ़ना. इसलिए कुरआन का मतलब होता है 'वह चीज जो पढ़ी जाती है' बार बार पढ़े जाने वाला. जब इसे किसी किताब के सन्दर्भ में कहा जायेगा तो इसका मतलब होगा बार बार पढ़ी जानेवाली किताब. तो कुरान शब्द का अर्थ Quran meaning in hindi हुवा बार बार पढ़ी जानेवाली किताब. क़ुरआन के बारे में यह वास्तविकता भी है के वह बार बार पढ़ी जानेवाली किताब है. कुरआन दुनिया की सब से ज्यादा पढ़ी जानेवाली किताब है.  

इसे हम बहुत आसानीसे समझ भी सकते है के वह क्यों सब से जियादा पढ़ी जानेवाली किताब है. मुसलमान दिन में पांच बार नमाज़ पढ़ते है. हर नमाज़ की हर एक रकत में कुरआन का कुछ न कुछ भाग पढ़ा जाता है. दुनिया के करोडो मुसलमान दिनमे पांच बार हर नमाज़ में क़ुरआन पढते है. इतनी पाबन्दी से दुनियामे कोई भी किताब बार बार पढ़ी नहीं जाती. इसके अलावा भी कुरान को पढ़ा जाता है. लेकिन समझने केलिए सिर्फ नामज की मिसाल ही काफी है.

कुरान की आयत

आम इस्तेमाल में लोग कुरआन के एक वाक्य को कुरान की आयत कहते है. इसका  बहुवचन आयते है. यह भी अरबी भाषा का शब्द है. लेकिन खुद कुरआन में इसका दो अर्थो में प्रयोग हुवा है. कुरआन ने इसे वाक्य इस अर्थ के लिए भी इस्तेमाल किया है और निशानी (symbol) इस अर्थ केलिए  भी इस्तेमाल किया है. वाक्य के सन्दर्भ और रचना से आसानीसे समझमे आता है के इस वाक्य में आयत शब्द का उपयोग किस लिए किया गया है. वाक्य केलिए किया गया है या निशानी केलिए किया गया है. कुरआन में कुछ छोटी आयतें है और कुछ बड़ी आयतें है. छोटी और बड़ी कुल मिलाकर 6,666 आयतें हैं.

Quran ke Lekhak


कुरान का इतिहास

कुरआन पैगंबर मुहम्मद (स) पर अवतरित (नाज़िल) हुवा. पहाड़ों में हिरा की गुफा में जब पैगंबर मुहम्मद साहब ईश्वर की प्रार्थना (इबादत) कर रहे थे ऐसे वक्त पहली बार ईश्वर (अल्लाह) ने देवदूत (फरिश्ता)  जिब्राइल के जरिए कुरान को पैगंबर मुहम्मद साहब पर अवतरित (नाजिल) किया. 

आज हम जो क़ुरआन देखते है वह क़ुरआन इस तरह पैगंबर मुहम्मद साहबपर थोड़ा-थोड़ा करके ईश्वर (अल्लाह) ने 23 सालों में नाजिल किया. कुरआन दो तरीकेसे पैगम्बर साहब पर अवतरित होता था. पहीला तरीका देवदूत (फरिश्ता)  जिब्राइल के जरिए जिसका हमने ऊपर वर्णन किया है. दूसरा तरीका यह था के डायरेक्ट पैगंबर मुहम्मद साहबके दिल पर अवतरित (नाज़िल) होता था. 

सहाबा  (पैगंबर मुहम्मद साहब के साथियों) के सामने भी कुरान की आयतें पैगंबर मुहम्मद साहबपर अवतरित हुई. एक वक्त पैगंबर मुहम्मद साहब ऊंट पर बैठेहुए थे और उस वक्त पैगंबर मुहम्मद साहबपर कुरआन की आयतें अवतरित हुई. सहाबा बताते है के जीतनी देर तक कुरआन की आयतें नाजिल हो रही थी पैगम्बर साहब खामोश रहे. शरीरमे खुब पसीना छूट गया, जिस ऊँटनीपर बैठे थे वह ऊँटनी आहिस्ता आहिस्ता जमीनपर बैठ गई. 

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एक दूसरे वक्त का वाक़िआ है सहाबा बताते है के हम एक महफ़िल में बैठे हुए थे उस वक्त पैगंबर मुहम्मद साहबपर कुरआन की आयतें अवतरित होना शुरू हुई. जिस तरह हमने ऊपर बताया है तक़रीबन वही कैफियत पैगंबर मुहम्मद साहब उस वक्त भी हुई. पैगंबर मुहम्मद साहब के एक साथी बताते है के इस वक्त मै पैगम्बर साहब के बाजु मे बैठा हुआ था. पैगम्बर साहब की मांडी मेरी मांडीपर रखी हुई थी. मेरी मांडीपर इतना दबाव आ रहा था मुझे लग रहा था के मेरे पाँव की हड्डी टूट जाएगी. 

कुरआन में आदेश और उपदेश दोनों है. कुरआन एक मुकम्मल किताब है, जिंदगी गकरनेका तरीका है. जिसमे आजतक बदलाव नहीं हुवा और कुरआन खुद कहता है के इसमें भविष्यमे भी बदलाव नहीं होगा क्योंको इसकी जिम्मेदारी खुद इसके अवतरित करनेवालेने अर्थात ईश्वरने ली है. 

Quran ka Lekhak kon Hai - कुरान का लेखक कौन है


जैद बिन साबित (र.) का कारनामा

पैगम्बर साहब के कुछ साथी कुरआन अवतरित होनेके बाद उसे लिख लेते थे. इसमें जैद बिन साबितका प्रमुख उल्लेख आता है. पैगम्बर साहबने खुद उन्हें कीस आयत को कौनसी जगह पर लिखा जाए वह बताया. आज हम कुरआन की जो तरतीब देखते है वह खुद पैगम्बर साहब की बताई हुइ तरतीब है जैद बिन साबित की नहीं. जैद बिन साबित का कारनामा यह है के उन्होंने उसे एक जगह लिखकर उसको किताब का रूप दिया.

कुरान की पहली आयत इन हिंदी First Revelation of Quran

पहली बार पैगंबर मुहम्मद साहब पर पांच आयते अवतरित (नाज़िल) हुई थी. वह  आयतें यह थी,


 اِقۡرَاۡ بِاسۡمِ رَبِّکَ الَّذِیۡ خَلَقَ ۚ﴿۱﴾.خَلَقَ الۡاِنۡسَانَ مِنۡ عَلَقٍ ۚ﴿۲﴾.اِقۡرَاۡ وَ رَبُّکَ الۡاَکۡرَمُ ۙ﴿۳﴾. الَّذِیۡ عَلَّمَ بِالۡقَلَمِ ۙ﴿۴﴾. عَلَّمَ الۡاِنۡسَانَ مَا لَمۡ یَعۡلَمۡ ؕ﴿۵

अनुवाद: "पढ़ो, अपने रब के नाम के साथ जिसने पैदा किया, पैदा किया मनुष्य को जमे हुए ख़ून के एक लोथड़े से। पढ़ो, हाल यह है कि तुम्हारा रब बड़ा ही उदार है,  जिसने क़लम के द्वारा शिक्षा दी, मनुष्य को वह ज्ञान प्रदान किया जिसे वह न जानता था।"

कुरान का अवतरण 

कुरआन की 59 नंबर की सूरह जिसका नाम अल-हश्र उसमे कहा गया है के,

"यदि हमने इस क़ुरआन को किसी पर्वत पर भी उतार दिया होता तो तुम अवश्य देखते कि अल्लाह के भय से वह दबा हुआ और फटा जाता है। ये मिसालें लोगों के लिए हम इसलिए पेश करते हैं कि वे सोच-विचार करें।" (कुरआन 59 :21)

कुरान का रचयिता कौन है  Who Wrote the Quran

अब तक हमने ऊपर जो पढ़ा है उस से यह बात आसानीसे समझआती है के कुरान का रचयिता कौन है? कुरान का रचयिता कोई इंसान नहीं है. इसका रचयिता खुद ईश्वर (अल्लाह) है. मुहम्मद पैगम्बर साहब भी इसके रचयिता नहीं है. दुनिया के सारे मुसलमान  इस बात पर इत्तफाक रखते है के इसके रचयिता मुहम्मद पैगम्बर साहब नहीं है. यह कुरान ईश्वर (अल्लाह) का कलाम words of (God) Allah है.

Quran


Kuran Kisne Likha कुरान किसने लिखी Who Wrote Quran

हमने इस लेखमे kuran kisne likha कुरान किसने लिखी वह ऊपर बताया है के कुरआन का जब अवतरण होता ता तो उसको बहुत सारे  पैगम्बर मुहम्मद साहबके साथी लिख लिया करते थे. उसमे प्रमुख उल्लेख पैगम्बर मुहम्मद साहबके साथी जैद बिन साबितका नाम आता है. उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद साहबके बताए हुए तरीकेसे कुरान का संकलन किया. वह या पैगम्बर मुहम्मद साहब खुद भी उसके लेखक नहीं है.


Quran me Kitni Surah Hai  कुरान में कितनी सूरह है

कुरान में छोटी और बड़ी दोनों प्रकार की सूरह है. सबसे छोटी सूरह सिर्फ तीन आयत की है. उसका नाम अल- कौसर है. सबसे बड़ी सूरह में 286 आयतें हैं. उसका नाम अल-बकरा है. अगर Quran me kitni surah hai कुरान में कितनी सूरह है,  इसकि बात की जाए तो कुरान में छोटी और बड़ी दोनों मिलाकर कुल 114 सूरह है. इन 114 सूरहके  बाद में लोगोने अपनी सहूलत केलिए 30 अध्याय (पारा) बनाए है.

कुरान आसमान से कब उतारा गया

कुरान आसमान से कब उतारा गया इस सवाल का जवाब  खुद कुरआन ने कुरआन में दिया है. कुरान की सबसे बड़ी सुरह अलबकरा की आयत 185 में इस का जवाब है. जिसमे कहा गया है के हहमारे (ईश्वर) अल्लाहने इसे रमजान के महीमें आसमान से उतारा. जिस रात में कुरआन को उतरा गया उसे क़द्र की रात कहते है. वह रात रमजान की  21, 23, 25, 27 और 29 में से कोई एक रात है, या पुरे रमजान की विषम (odd) रातोंमेसे कोई एक रात है. कुछ मुस्लिम विद्वानो का अनुमान है के वह रमजान की 27 वी रात हो सकती है. लेकिन यह सिर्फ अनुमान है कन्फर्म नहीं है. 

आशा है आपको कुरआन के बारेमे दी गई यह मालूमात पसंद आई होगी. अगर आपको यह मालूमात पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों और जानने वालोमे शेयर करे.


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लेखक: डॉ. एम् ए श्रीवास्तव

 

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